TRAI ने लॉन्‍च किया ऐप, कस्‍टमर ऐसे चुनें अपने पसंदीदा चैनल


TRAI ने लॉन्‍च किया ऐप, कस्‍टमर ऐसे चुनें अपने पसंदीदा चैनल
नई दिल्ली। टेलीकॉम रेग्युलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने सभी केबल और डीटीएच ऑपेटर्स को आदेश दिया है कि, ग्राहकों को चैनल चुनने की आजादी दी जाए। इस आधार पर ग्राहकों को 31 जनवरी तक चैनलों का चुनाव करना है।
ग्राहकों को कुल 100 एसडी चैनल देखने के लिए 130 रुपए (जीएसटी मिलाकर 153 रुपए) चुकाने होंगे। ग्राहक चाहे तो पुराने प्लान को उसकी अवधि खत्म होने तक जारी रख सकता है।
साथ ही 1 फरवरी से नए नियम पर स्विच भी कर सकता है। ऐसा करने पर डीटीएच ऑपरेटर को नए प्लान के हिसाब से पैसे एडजस्ट करने होंगे।
ट्राई की ओर से केबल और डीटीएच सर्विस प्रोवाइडर्स से कहा गया कि, वे उपभोक्ताओं को वेबसाइट के जरिए चैनल चुनने और ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा उपलब्ध कराएं।
वेबसाइट पर चैनलों की लिस्ट कीमत के साथ उपलब्ध होगी। इसके अलावा कॉल सेंटर के जरिए भी उपभोक्ता चैनल चुन पाएंगे। ट्राई के सचिव एसके गुप्ता का कहना है कि, 'नए नियम के लागू होने से लोगों का मासिक खर्च कम हो जाएगा।
एक परिवार लगभग 20-40 चैनल्स ही देखता है। चैनल खुद ग्राहकों को चुनना है इसलिए वह ऐसा करते हुए सावधानी बरतेंगे। पिछले कुछ दिनों में 27 ब्रॉडकास्टर्स ने 148 पे चैनल्स की कीमतों में कटौती की है, जबकि 15 बड़े ब्रॉडकास्टर्स ने बुके की कीमत घटा दी है। प्रतिस्पर्धा से ग्राहकों को फायदा होगा।'
डिस्ट्रीब्यूटर 100 चैनल के स्लॉट के लिए ग्राहक को 130 रुपए (जीएसटी मिलाकर 153 रुपए) चुकाने होंगे। केवल फ्री टु एयर चैनल देखने वाले ग्राहकों से रेंटल के अलावा कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। 100 बेस चैनल की गिनती में एक HD चैनल दो SD चैनल के बराबर माना जाएगा।
इसमें प्रसार भारती के करीब 25 चैनल अनिवार्य हैं और बाकी 75 चैनल के लिए फ्री और पे चैनल के विकल्पों में से चैनल चुने जा सकते हैं। सौ से अधिक चैनल देखने के लिए 20 रुपए प्रति 25 चैनल अतिरिक्त फीस लगेगी। साथ ही पे चैनल की एमआरपी चुकानी होगी।
बता दें कि, भारत में कुल 887 चैनल्स हैं, जिनमें 550 फ्री टु एयर हैं। ग्राहकों को 400-500 चैनल दिए जाते हैं और ऑपरेटर 350 से 600 रुपये प्रति महीने तक चार्ज कर रहे हैं।
ट्राई की ओर से कहा गया है कि नए सिस्टम में उपभोक्ताओं पर टीवी चैनल थोपे नहीं जा सकते हैं, बल्कि उन्हें केवल उन्हीं टीवी चैनलों को चुनने की आजादी होगी, जिन्हें वे देखना चाहते हैं।
सभी चैनल अलग-अलग और बुके के रूप में उपलब्ध होंगे, जिन्हें उपभोक्ता अपनी पसंद के अनुसार चुन सकता है।

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